चलते -चलते क्यों लगता है, एक अरसा यों ही बीत गया लगता है पानी के घट से ,एक प्यासा लम्हा रीत गया झड़... चलते -चलते क्यों लगता है, एक अरसा यों ही बीत गया लगता है पानी के घट से ,एक प्यास...
जज्बात समेटते रह गए खामोशी भेद सारा बोल पड़ी। जज्बात समेटते रह गए खामोशी भेद सारा बोल पड़ी।
है आज जरूरी लड़ ले हम अपनी लड़ाईअपने वास्ते। जो फैली है भ्रष्टाचार की बीमारी हमारी व है आज जरूरी लड़ ले हम अपनी लड़ाईअपने वास्ते। जो फैली है भ्रष्टाचार की ब...
एक बालक की जिज्ञासा है जिसमें वह अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपने अबोध मन को समझाने की कोशिश करता है... एक बालक की जिज्ञासा है जिसमें वह अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपने अबोध मन को समझ...
लकीरों में नहीं कर्म से, सींच अपने भाग्य का मंजर I लकीरों में नहीं कर्म से, सींच अपने भाग्य का मंजर I
भूल पाता नहीं अब तो आपका मुड़कर मुझे देखना। भूल पाता नहीं अब तो आपका मुड़कर मुझे देखना।